डोंगरगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत खुर्शीपार आश्रित ग्राम विष्णुपुर से ग्राम पंचायत जाने हेतु सड़क की व्यवस्था ही नहीं।
( शिक्षा,राशन, चिकित्सा व अन्य सुविधाओं से वंचित ग्रामीण )
स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों बाद भी विष्णुपुर की जनता को अब तक ग्राम पंचायत जाने हेतु सड़क ही नसीब नहीं। जहां सरकार एक और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ नारी शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है वहीं दूसरी ओर जर्जर व कच्ची सड़के उन्हें पढ़ाई से दूर कर रही कक्षा छठवीं से बारहवीं व कालेजों के बच्चे कच्ची सड़क से होते हुए स्कुल जाते हैं जहां पैदल चलना भी मुश्किल है। बीमार मरीजों को इन मार्गों से ले जाना खतरों से खाली नहीं, उचित मूल्य की दुकान से राशन व सोसायटी से खाद लाने काफी संघर्ष करना पड़ता है, किसानों के लिए धान बेचने सोसायटी जाना किसी युद्ध लड़ने से कम नहीं विष्णुपुर की जनता को सभी पंचायती कार्यों हेतु इसी कच्ची व जर्जर सड़क से गुजर कर जाना पड़ता है जो बरसात के दिनों में किचड़ व दलदल में परिवर्तित हो जाती है जिसमें पैनल चलना भी मुश्किल हो जाता है जिसके काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
उप-सरपंच भागवत वर्मा पिछले छः वर्षों से कर रहे संघर्ष अब तक मांग पुरा नही।
ग्राम पंचायत खुर्शीपार के उप सरपंच भागवत वर्मा का कहना है कि वे जब बारहवीं की पढ़ाई बिल्हरी स्कूल से कर रहे थे तब से पक्की सड़क निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं उस समय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए उस समय के सांसद श्री अभिषेक सिंह जी को आवेदन पत्र देकर इस समस्या से अवगत कराते हुए सड़क निर्माण कराने की मांग किया था, क्षेत्र के विधायक श्री दलेश्वर साहू जी को भी इसके सम्बन्ध में कई बार आवेदन दे चुके हैं, तात्कालिक जिलाधीश , सरपंच व जनपद को भी आवेदन पत्र देकर इन समस्याओं से अवगत करा चुके हैं परन्तु समस्या जस के तस बनी हुई है शासन प्रशासन मौन है कोई सुध लेने वाला नहीं शासन प्रशासन की अनदेखी से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ते जा रहा है क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी इस समस्या से भली भांति परिचय है फिर भी उनकी अनदेखी समझ से परे है।
10 से 15 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करने मजबूर ग्रामीण।
आश्रित ग्राम विष्णुपुर की जनता को ग्राम पंचायत पहुंचने हेतु 10 से 15 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है यदि इस 1किलो मीटर कच्ची सड़क को पक्की कर दिया जाए तो 10 से 15 किलोमीटर के बजाए जनता को ग्राम पंचायत पहुंचने हेतु मात्र 2 किलोमीटर कि दुरी तय करनी होगी।
परन्तु पता नहीं क्यों 1000 के करीब जनसंख्या वाले इस ग्राम की समस्या पर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता समझ से परे है।